और माँ की कृपा से टला हादसा
जय श्री माताजी,
मैं दिनेश पाण्डेय आर्मी मेडिकल कोर में सीनियर नर्सिंग असिस्टेंट के पद पर मणिपुर राज्य की दुर्गम पहाड़ी एवं फील्ड एरिया में तैनात हूँ, जहाँ कि जिन्दगी कब मौत बन जाय कुछ कहा नहीं जा सकता। एक दिन ऐसी घटना घटी कि हमारी बटालियन का मुकाबला कुछ आतंकवादियों से हो गया था, जिसमें एक जवान बुरी तरह से घायल हो गया था। कमान अधिकारी महोदय ने गाड़ी भेजकर मुझे घटनास्थल पर ही बुलवाया, ड्राइवर मेरे पास आकर जल्दी चलो आपके लिए गाड़ी खड़ी है। मैं अपना प्राथमिक चिकित्सा बैग लेकर भागा। कुछ दूर चलने के बाद मैं जैसे ही सीढ़ियों से नीचे उतर रहा था मेरा पैर फिसल कर गड्ढे में चला गया और पीछे से ड्राइवर भी मेरे ऊपर गिर गया लेकिन जल्दी से निकल कर गाड़ी में जा बैठा। हाथ एवं पैर में मामूली चोट आई थी। घटनास्थल पर पहुँचकर देखा जवान खून से लथ-पथ पड़ा है। मैंने तुरंत उठाया इलाज करने लगा। तब तक अगल-बगल रात के अंधेरे में देखा तो पूरी बटालियन के जवान अपनी पोजीशन लिए हुए है, जबकि सैकड़ों की संख्या में यूजी (अंडर ग्राउंड आतंकी) हमला की मुद्रा में घेरे हुए हैं।
मैंने स्थिति को भांपते हुए माँ निर्मला आदिशक्ति से प्रार्थना किया कि हे माँ, शांति प्रदान करे और हमारी तथा पूरी बटालियन के जवानों की रक्षा करें। थोड़ी देर पश्चात किस परिस्थिति में मैं उस घायल जवान को लेकर गाड़ी तक पहुँचाया और वह जवान तथा सभी सैनिक सुरक्षित बच गए। इस बात से सभी आश्चर्यचकित हैं तथा जब मैं सुबह उस गड्ढे को देखा तो मेरी सांस रुक गई कि वह गड्ढा इतना गहरा एवं खतरनाक था कि अगर माँ कि करुणा भरी कृपा नहीं होती तो हम ड्राइवर के साथ बड़ी दु:खद घटना घट सकती थी।
आज मैं उसी जगत जननी जगदम्बा, आदिशक्ति माता निर्मला की पावन कृपा से इतनी भयावह स्थिति से बचकर अपनी बात बता रहा हूँ कि वह सीन सोचकर खड़े हो जाते है।
दिनेश पाण्डेय, झांसी (उ.प्र.)
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