आदिशक्ति का संदेश
आपके व्यवहार मे, आपके
बोलने मे, आपके
दुलार मे, आपकी
बातचीत मे ,आपके
हँसने मे,आपके
रोने मे ह्दय
की विशालता दिखनी
चाहिए,आकाश के
दर्शन होने चाहिए,
पानी की पवित्रता
दिखनी चाहिए,सूर्य
की तेजस्विता दिखनी
चाहिए,चन्द्रमा की
शीतलता आपके अंदर
से बहनी चाहिए
,सर्वगामी होना चाहिए
आपको हवा की
तरह से!सबके
प्राणों मे आपका
प्राण स्पंद कर
रहा है! तुम
सब एक ही
शरीर मे हो,मेरे मे
ही हो ,तुम
सुखी हो तो
मुझे सुख लगता
है और तुम
सुखी नही हो
तो मै भी
सुखी नही हूं
इसलिए रात दिन
तुम्हारे लिए जगती
रहती हूं|
(1975-0125 Must listen every day Hindi, Mumbai)
Message of Adi Shakti
In your behaviour, in your speech, in your love, in your
discussions, in your laughter, in your sadness – the vastness of your heart
should be evident – your persona should reflect the vast sky, the purity of water, the radiance of
the sun, the calmness of the moon, the omnipresence of the wind (air)
The same ‘life/ spirit’ essence is present in everyone – as it
is in you.
You all belong to the same body – mine only – so only when you are
happy, I feel happy and in your sadness, I am sad – the reason why I am
incessantly awake for your redemption!
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